5 Simple Statements About Shodashi Explained

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Inspiration and Empowerment: She's a symbol of energy and braveness for devotees, specifically in the context of the divine feminine.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥

Goddess is popularly depicted as sitting down on the petals of lotus that is definitely saved around the horizontal system of Lord Shiva.

सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।

From the spiritual journey of Hinduism, Goddess Shodashi is revered being a pivotal deity in guiding devotees to Moksha, the ultimate liberation through the cycle of delivery and death.

चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।

क्या आप ये प्रातः स्मरण मंत्र जानते हैं ? प्रातः वंदना करने की पूरी विधि

सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।

दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

The Mahavidya Shodashi Mantra fosters psychological resilience, encouraging devotees technique existence that has a quiet and constant brain. This benefit is effective for the people suffering from anxiety, get more info since it nurtures inner peace and a chance to retain psychological harmony.

Her narratives generally spotlight her purpose while in the cosmic battle towards forces that threaten dharma, thus reinforcing her placement as a protector and upholder with the cosmic buy.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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